वह अकेला छोड़ कर चली गई
यह आज से लगभग 5 साल पहले की बात है जब मैं 12th में था और पार्ट टाइम जॉब करता था मेरे ऑफिस के ठीक सामने में एक आंटी का पेन गेस्ट था जहां पर कोई 4-5 लड़कियां रहती थी वहां की सभी लड़कियां मुझे भैया कहकर बुलाती थी
एक दिन उस घर में एक लड़की रहने आई जिसका नाम स्नेहा था वह पास के एक जिले की रहने वाली थी और यहां पीएससी की कोचिंग करने आई थी
जिस दिन मैंने उसे पहली बार देखा था तो बस मेरे दिल से आवाज आई कि यार इस लड़की से प्यार हुआ तो इस से ही शादी करूंगा चाहे जो हो जाए
धीरे-धीरे वह मेरी फ्रेंड बन गई और मुझसे बात करने लगी यह बातें उसकी फ्रेंड को को मालूम लगी कि वह किसी को पसंद करती है लेकिन मेरे बारे में कोई जान नहीं पाया
धीरे-धीरे हमारा प्यार बढ़ता गया और इसकी जानकारी मेरे घर वालों को हुआ तो मैंने अपने घरवालों से स्नेहा को मिलवा दिया मेरे घर वाले शादी के लिए राजी हो गए इसी बीच स्टेट गवर्नमेंट का जॉब आया और हम दोनों मिलकर तैयारी करने लग गए लेकिन वह कहती थी कि मुझे पढ़ाई करने का मन नहीं कर रहा है
तो मैं अपनी पढ़ाई छोड़ कर उसकी तैयारी करने में जुट गया और उसका सिलेक्शन शिक्षाकर्मी में हो गया पर मैं अपने एग्जाम में फेल हो गया जिसका मुझे दुख जो हुआ पर मैं खुश था कि उसका सिलेक्शन हो गया है
2 महीने बाद जब उसके जॉब की बात आई तो मैंने अपने कांटेक्ट से उसके पास के गांव में ड्यूटी लगा दिया जिसमें मुझे ₹30000 देना पड़ा था
उसके जॉब करते ही मानो धीरे-धीरे हमारे रिलेशन शिप में कमजोरी आने लगी वो जिस स्कूल में पढ़ाती थी वह हमारे शहर से मुश्किल से 20 किलोमीटर की दूरी पर था
जिसके लिए पीडब्ल्यू रोज बस से सफर करती थी इसके लिए मैंने बस ट्रैवल वालों से मंथली किराया फिक्स किया था बस के हर लोग मुझे जानते थे इसलिए मैं टेंशन फ्री था क्योंकि मैं प्रेस रिपोर्टर का जॉब करता था
तो सब मुझे जानते थे कुछ दिन जॉब करने के बाद वह मुझसे बोली कि मैं रोज-रोज बस में सफर नहीं कर सकती और मैंने स्कूल के पास में मैं ही एक घर रेंट पर देखा है मैं वहां रहने जा रही हूं
तो मैंने उससे कहा कि यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई तो उसने कहा कि नहीं बताई अब बता रही हूं ना और वहां रहने चले गई वहां जाने के बाद तो स्नेहा मुझे कॉल नहीं करती थी
वह अगर करती थी तो एक-दो दिन के बाद करती थी और जब कभी मैं कॉल करके पूछता तो वहां बहाना बना देती क्यों कोई आ रहा है या मकान मालिक है कुछ भी कह देती
इस बीच में मेरा चाचा जी की शादी हुई तो उसे बुलाया गया मेरी तो मेरे रिलेशन वालों ने सभी कहा कि अब राज भी अच्छा जगह सेटल हो गया है और यह भी जॉब करती है
तो अब दोनों की शादी करा दो शादी का नाम सुनते ही स्नेहा ने कहा कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती तो मैंने कहा ठीक है कि अगले साल कर लेंगे
कुछ दिन बाद स्नेहा ने मुझे फोन किया और कहा कि मैं घर आ रही हूं कुछ जरूरी बात करनी है और फोन काट दिया और मेरे फोन रिसीव नहीं की
जब वह घर आई तो मुझे मेरे रूम में बुलाकर कहा कि आज के बाद मैं उसे कॉल नहीं करूं और भूल जाऊं तो मैंने कारण पूछा तो वह नहीं बताई और चले गई
उस दिन और उस रात मैं बहुत रोया इस बीच में हर रोज उसे फोन करता और वहां मेरे फोन नहीं उठाती थी
एक दिन मेरे दोस्तों ने बताया कि स्नेहा किसी लड़के के साथ मूवी देखने आई है तो मैं वहां पहुंचा और उसे कारण जानना चाहा तो उस लड़के ने मना किया बताने के लिए तो मैंने और मेरे दोस्तों ने उस लड़के को वहीं पर पिटाई कर दी थाने में ले जाकर अंदर करा दिया
और स्नेहा से पूछा तो उसने फिर भी कुछ नहीं बताया और मुझे फैमिली की कसम देकर उसे थाने से छुड़ाने को कहा और मेरे फैमिली में बता दिया तो मजबूरी में मुझे उसे छुड़ाना पड़ा लेकिन उस लड़के को वार्निंग दिया आज के बाद अगर मुझे स्नेहा के आसपास दिखा तो इससे बुरा हाल करूंगा
दोस्तों आप लोग यह पढ़ने के बाद यही सोच रहे होगे ना कि मैंने उसे इतनी आसानी से यह सब करने दिया और मैं कुछ भी नहीं किया तो एक बात बता दूं मैं वह बंदा हूं जिसने कभी भी कोई काम चोरी छुपे नहीं की है
जब प्यार किया तो सबके सामने और अपने घर वालों को बताया भी और मिलाया भी यहां तक कि मेरे रिश्तेदार जानते थे और हां मुझे उसकी खुशी चाहिए थी उसे मैं रोता होगा नहीं देख सकता इसलिए आज
तक मैंने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जिससे उसे दुख हो जब कभी मैं अपने आप को अकेला महसूस करता हूं तो उसकी याद आती है और उससे मिलने का मन करता है
आज मेरे पास सब कुछ है एक अच्छी फैमिली एक अच्छी बीवी लेकिन दिल के एक कोने में आज भी मेरा ये दिल कहीं टूटा हुआ पड़ा है… हर खुशी के पल हाथों से छूट गए अब तो खुद के साये भी रूठ गए हालात हैं ऐसे जिंदगी में हमारी प्यार की राहों में हम बिल्कुल टूट गए